सामान्य परिचय (General Introduction)
प्रकृति में पाये जाने वाले जीवधारियों (Organisms) उदाहरण-पौधे एवं जन्तुओं का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं (Cells) का बना होता है। इन कोशिकाओं का आकार इतना सूक्ष्म होता है कि उन्हें नग्न आँखों (Naked eyes) से देखना संभव नहीं होता है। इसके साथ-साथ प्रत्येक कोशिका के अन्दर बहुत से कोशिकांग (Cell organelles) भी पाये जाते हैं, जो कि विभिन्न शारीरिक क्रियाओं से सम्बन्धित होते हैं। अत: इन कोशिकाओं की संरचना का ज्ञान अतिआवश्यक होता है। प्रारंभिक काल में किसी भी प्रकार के सूक्ष्मदर्शी वस्तु को बड़ा कर देखने के लिए उपलब्ध नहीं थे। अतः जीव के केवल उन्हीं अंगों एवं संरचनाओं का अध्ययन संभव होता था, जिन्हें नग्न आँखों (Naked eyes) से देखा जा सकता है। बाद में आवर्धक लेंसों (Magnifying lenses) की खोज हुई, जिसके द्वारा वस्तु को अपेक्षाकृत बड़े आकार में देखना संभव हुआ। मनुष्य 0-1 से छोटी वस्तुओं को नहीं देख सकता है, जबकि अधिकांश कोशिकाओं का व्यास 01 (1= 1/1000mm) तथा 1mm के मध्य होता है । अत: कोशिकाओं के अध्ययन में उनका अतिसूक्ष्म आकार बाधा उत्पन्न करता है। इसके साथ-साथ दूसरी बाधा, कोशिकाओं की पारदर्शी प्रकृति है। अतः कोशिका की विस्तृत संरचना के अध्ययन के लिये लेंस द्वारा इसमें आवर्धन (Magnification) करना आवश्यक है। बाद में आवर्धक लेंसों (Magnifying lenses) के संयोजन द्वारा विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मदर्शियों (Microscopes, Gk, micro = small, scopein= to see) का विकास किया गया। “सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा उपकरण है, जिसकी सहायता से वस्तुओं या संरचनाओं को बड़ा करके देखा जा सकता है।”